शलभासन करने का सही तरीका और इसके फायदे

शलभासन करने का सही तरीका और इसके फायदे

सेहतराग टीम

योग आज के समय में हिन्दुस्तान से आगे बढ़ कर पूरी दुनिया में अपनी पहचान बना चुका है। इसलिए हर देश में अधिकतर लोग रोजाना योग करना पंसद करने लगे है। वैसे अगर रोजाना योग किया जाए तो शरीर फिट और तंदुरूस्त रहता है। वहीं योग आप घरों में रहकर भी कर सकते है। इस हिसाब से आप कोरोना से भी सुरक्षित रहेगें। यही नहीं अगर आप योग करते है तो शारीरिक स्वास्थ्य तो बेहतर होगा ही उसके साथ ही आप मानसिक तौर पर भी मजबूत रहेगें।

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आपको बता देंं कि योग के कई आसन हैं। इनमें एक आसन शलभासन है। इस आसन को करने से कई स्वास्थ्य लाभ प्राप्त होते हैं। इसे आप दिनभर में कभी भी कर सकते हैं। अगर आपको इस योगासन के बारे में नहीं पता है, तो आइए जानते हैं कि शलभासन क्या है और इस योगासन के फायदे क्या हैं-

शलभासन क्या है (Salabhasana in Hindi)?

यह संस्कृत के शब्द शलभ अर्थात कीट और आसन यानी बैठने की मुद्रा से बना है। इस योग में कीट की मुद्रा में रहकर योग किया जाता है। इसलिए इसे शलभासन ( कीट की मुद्रा रहना ) कहा जाता है। इस योग को किसी समय किया जा सकता है। इस योग को करते समय शारीरिक शक्ति का प्रतिरोध नहीं करना चाहिए, बल्कि अपनी क्षमता अनुसार ही करें।

कैसे करें शलभासन- विधि (Salabhasana Steps in Hindi)?

इसके लिए स्वच्छ जगह पर दरी बिछाकर उस पर पेट के बल लेट जाएं। इसके बाद अपने पैरों को ऊपर की ओर हवा में लहराएं। जबकि हाथों को आगे की ओर बढ़कर फैलाएं। कुछ समय तक इस मुद्रा में रहें। इसके बाद पुनः पहली मुद्रा में आ जाएं। फिर इसे दोहराएं। अगर आपको शलभासन करने में कोई कठिनाई आती है, तो आप हाथों को ज़मीन पर भी रख सकते हैं। इस योगासन को रोजाना करें।

शलभासन के फायदे (Salabhasana Health Benefits in Hindi):

शलभासन करने के कई फायदे हैं। इससे मांसपेशियों में खिंचाव पैदा होता है, चिंता और तनाव से मुक्ति मिलती है। महिलाओं के लिए शलभासन बेहद फायदेमंद होता है। खासकर मासिक धर्म में होने वाली तकलीफों में आराम देता है। हालांकि, महिलाएं मासिक धर्म में फायदे के लिए योग को करने से पहले विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें। इसके बाद ही शलभासन करें। इस योग को करने से शरीर में रक्त का संचार होता है।

 

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